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Monday, February 6, 2023

मतलबी व् खुदगर्ज इंसानों ने एक खुशहाल परिवार को तबाह कर दिया

वक्त की रफ्तार ने इंसान को इतना मतलबी और खुदगर्ज बना दिया है कि उसे सिर्फ अपनी ही फिक्र होती है। आज की कहानी में एक खुशहाल परिवार को किस तरह बर्बाद किया आइए देखते हैं।

एक कुतिया जो कि पेट से थी एक दुकान के बाहर खाने की तलाश में बैठी रहती थी। आस पास के लोग उस कुतिया को खाने की पीने की चीजे डाल देते थे। इस तरह कुतिया का जीवन अच्छे से बीत रहा था। 
कुछ समय बाद कुतिया ने 6 बच्चे दिए जिनके साथ वह कुतिया बहुत खुश थी। अब कुतिया को अपने साथ अपने बच्चों को भी खाने पीने की चिंता सताने लगी। इसीलिए कुतिया अब एक दुकान पर निर्भर न रहकर आस पास के घरों में भी जाने लगी ताकि उसको कुछ खाने को मिल जाए।

दुकान और घरों के बीच एक सड़क पड़ती थी जिसमें काफी ट्रैफिक रहता था जिनसे बच कर कुतिया अपने और बच्चो के लिए खाने का इंतजाम करती। सब कुछ बढ़िया चल रहा था। 
कुतिया के बच्चे अब बढ़े होने लगे। बच्चे दिन भर आपस में खेलते रहते। एक दिन हर दिन की तरह कुतिया अपने बच्चों को छोड़ खाने की तलाश में निकली थी। बच्चे शैतान होते हैं इसीलिए मां के पीछा करते हुए वह सड़क के पास पहुंच गए। 

अब कुतिया को तो पता था की सड़क पर काफी ट्रैफिक होता है और उसे कैसे पार करना है परंतु बच्चों को थोड़ी पता था। एक बच्चा दौड़ते हुए सड़क पार करने लगा कि तभी तेज रफ्तार कार ने उसे कुचल दिया। आस पास के लोगों को कोई फर्क नही पड़ा क्योंकि कुता तो है गाड़ी के नीचे आकर मर गया और किसी ने उसे देखने या उठाने की कोशिश की।
बेचारे बाकी के बच्चे यह सब देख डर गए और वापिस बाग गए। जब कुतिया वापिस खाना लेकर लौटी तो उसके सामने सिर्फ 5 बच्चे थे। अब मां तो मां होती है वह उस बच्चे को ढूंढने लगी। जब उसे कहीं नहीं मिला तो रोते हुए चिलाती हुए वह आस पास के घरों में बच्चे को ढूंढने लगी। 

कुते को रोता व् चिलाते हुए देख लोग उसे भगा रहे थे क्योंकि कूते का रोते हुए चिलाना हम इंसान बुरा मानते हैं। परंतु किसी को मां का दर्द नही दिखा। जब कुतिया सड़क पर पहुंची तो उसे उसका बच्चा मिल गया। बच्चा खून से लथपथ था जिसे देख मां पहले तो खुश हुई क्योंकि मां को उसका बच्चा मिल गया था। 

मां ने बच्चे को आवाज लगाई परंतु बच्चे ने उसकी एक न सुनी। ट्रैफिक के बीचों बीच कुतिया ने बच्चे के पास जाकर उसे चाटना शुरू किया और उसे उठाने का प्रयास किया। परंतु बच्चा तो मर चुका था परंतु मां ने उसे उठा कर सड़क किनारे रखा और उसे जगाने में लगी रही। 

वह देर शाम तक वहीं बैठी रही परंतु शाम को कुछ लोगों ने उसे भगा दिया और बच्चे की लाश को उठाकर कहीं दूर फैंकने ले गए ताकि वहां से लाश की बदबू न आए। बेचारी मां वापिस अपने बच्चों के पास आ गई। परंतु अब भी उसको उस बच्चे का ख्याल आ रहा था। 

अब कुतिया को अपने पांचों बच्चों की देखभाल करनी थी इसीलिए वह एक बच्चे के जाने का गम भुलाने लगी।

धीरे धीरे बच्चे बड़े होने लगे अब बच्चे भी मां के साथ खाना ढूंढने निकल पड़ते। फिर से परिवार में खुशहाली थी। एक दिन सारा परिवार खाना ढूंढने के लिए निकला था। स्कूली बच्चे शरारती होते उन्होंने ने इस परिवार पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। इसीलिए कुतिया ने उन स्कूली बच्चों पर हमला कर दिया क्योंकि कोई भी मां अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती है। 

स्कूली बच्चों ने अपने घर में जाकर पूरी गलती कुतों की बता दी। बच्चों के घरवालों ने गुस्से में आकर उस कुतिया और उसके बच्चों की बुरी तरह से पिटाई की जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्हें इतनी बुरी तरह से दौड़ा दौड़ा के पीटा कि उनसे चला भी नहीं जा रहा था। 

बेचारा कुतिया का पूरा परिवार बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचा कर वहां से भाग गया। जब मुसीबतें आती हैं तो चारों तरफ से आती हैं कुछ ऐसा ही इस कुतिया के परिवार के साथ हुआ। 

पूरे परिवार के जख्मों में कीड़े पड़ गए क्योंकि उन पर बार बार मंखियां बैठती रहती थी। उनसे बदबू आने लगी कोई भी इंसान उन्हें अपने आस पास भी भटकने न दें। बेचारा पूरा परिवार भूखे प्यासे बुरी तरह से दर्द सह रहे थे। 

समय व्यतीत होता गया और कुतिया का सारा परिवार इस दुनिया से छोड़ कर चला गया। इस तरह एक खुशहाल परिवार को मतलबी और खुदगर्ज इंसानों ने तबाह कर दिया।




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